अपने वायदे अनुसार मैं आपके
बीच माननीय प्रधानमंत्री एवं उनकी सरकार पर आधारित एक विस्तृत लेख लेकर हाजिर हूँ
। आपकी प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित है ।
नरेन्द्र मोदी.......! वर्तमान राजनीति का वो सम्राट
जिनके विराट व्यक्तित्व ने राजनीति के मायने बदल दिए । पंगु पड़ चुकी राजनैतिक
पुरोधाओं की नसो को यह सोचने को मजबूर करना कि राजनीति अब ठण्डे खून से नहीं होने
वाली अतः उनका स्वयं को इस योग्य परिणत करने हेतु प्रेरित होना की वो जनमानस की
आवेशित आकंक्षाओं के गर्म उबाल को स्वंय की रगो में प्रवाहित कर सके, निःसन्देह एक
बड़ी उपलब्धी हैं ।
क्या आप जानते है ? नरेंद्र का अर्थ उस
व्यक्ति से है जो बिच्छू, साँप आदि का विष दूर करने की कला जानता हो । ये पूरे
भारत के लिए बड़े गर्व कि बात हैं कि माननीय प्रधानमंत्री जी अपने नाम के अर्थ को
निष्पादित भी कर रहे है.., इतिहास में ऐसे उदाहरण बड़े कम देखने को मिलते है ।
(1).
सर्वप्रथम यह जान ले कि विकास एक सतत
प्रक्रिया हैं । सरकारे चाहे जितनी निकम्मी हो, किसी भी देश का व्यक्ति स्वयं के
स्थायित्व के लिए प्रयास करता हैं फलस्वरूप विकास की प्रक्रिया कभी नहीं ठहरती ।
परन्तु अटल सत्य ये भी हैं कि जहां एक लोकप्रिय सरकार अपने नागरिको को तरक्की हेतु
सकारात्मक माहौल और आत्मविश्वास प्रदान करती हैं वही एक निकम्मी और धूर्त सरकार
नकारात्मकता का प्रचार करके अपने जनमानस को हतोत्साहित करती है.., तो यह साफ है कि
सारा खेल आत्मविश्वास का ही हैं ।
‘मुझे गर्व है कि मेरे देश के प्रधानमंत्री ने
मुझे सदैव आत्मविश्वास सौंपा है ।’
(2).
संसार में दो प्रकार के व्यक्ति होते है..,
एक वे जो आधे भरे हुए पानी के गिलास का आधा खाली भाग देखते हैं और दूसरे वे जो आधा
भरा हुआ । फैसला आपको करना हैं कि आपको किसका साथ देना हैं.., स्थितियां वैसी ही हैं
फर्क सिर्फ सोच का है ।
‘मुझे गर्व हैं कि मेरे देश के प्रधानमंत्री ने
मुझे सदैव सकारात्मकता सौंपी है ।’
(3).
सरकार एक बड़ा ही विस्तृत अर्थो वाला शब्द
है....मेरी समझ के अनुसार सरकारे दो प्रकार की होती हैं.., पहली वो जो केवल हमारी
उम्मीदों और भावनाओं से खेलती है जिसके फलस्वरूप वे ऐसी नीतियां ऐसी योजनाओं का
अविष्कार करती हैं जिसको बिना यथार्थ की लैब में जांचे-परखे हुए सीधे जनमानस के प्रयोग
हेतु भेज दिया गया है..., मजे की बात ये हैं कि अब तक के राजनैतिक इतिहास में ऐसी
लोक-लुभावनी योजनाएं सफल नहीं हो सकी है..। दूसरी वो सरकार होती हैं जो किसी भी
योजना को प्रयोग में लाने से पहले उसके सारे पहलुओं पर पूरी एकाग्रता से न केवल
विचार करती है बल्कि योजना पूरी तरह सफल हो इसके लिए अच्छी तरह से अनुसंधान भी
करती है.., ध्यान योग्य बात ये हैं कि वर्तमान ने सदैव ही ऐसी योजनाओं का समर्थन करते
हुए एक स्वर्णिम इतिहास का निर्माण किया है । अब फैसला आपको करना हैं कि आप किस
सरकार के समर्थक है ।
मुझे गर्व हैं कि मेरे देश के प्रधानमंत्री
की तपस्या ने हर एक योजना को सफल बनाया है ।
वैसे तो मैं अपने
तीनों पैरा के माध्यम से काफी कुछ व्यक्त कर चुका हूँ । परन्तु एक बात जो अभी भी
आप सबसे कहना बाकी है..., वो शायद बड़ी महत्वपूर्ण है । अपनी बात को आपके बीच रखने
के लिए मैं हालहिं में अपने साथ घटित एक छोटे से दृष्टांत को आप सबके साथ बांटना चाहता
हूँ :-
बात कुछ दस-बारह रोज पहले कि हैं, मैं पैसे
निकालने के लिए एटीएम की लाइन में खड़ा हुआ था कि तभी मेरे बिल्कुल पीछे खड़े एक
नवयुवक ने मुझसे कहा, ‘‘मोदी ने तो लोगो
को मूर्ख बनाकर रख दिया है.., बताईये घर में खाने को राशन तक नहीं हैं लोगो के...बेचारो
के पास बस एक ही काम रह गया हैं सुबह उठो हाथ-मुंह धुलो और लग जाओ लाइन में...सब
जानते है कि काल धन देश के बड़े उद्योगपतियों के पास हैं लेकिन अब ये सूट-बूट की
सरकार है भइया तो कहां उन बड़े लोगो को पकड़ेगी, मरेगा तो बेचारा गरीब
आदमी...फलाना....फलाना...फलाना.. आश्चर्यजनक तथ्यों से भरी यहीं कुछ पाँच मिनट की
झटपटाहट । और आप यकीन मानियें कि वो नवयुवक ये सब कहता रहा और एक लम्बी कतार में
कोई भी एक व्यक्ति उसकी इस बात पर ‘हां..न’ कुछ भी न बोला, वरना अगर किसी विषय को लेकर निराशा या क्रोध का
माहौल होता हैं तो केवल आपको मुंह खोलकर जबान दिखाने भर की जरूरत हैं लोगो खुद ब
खुद आपसे आपकी भड़ास निकलवा लेंगे । न जाने मुझे क्या पड़ी थी कि मैं बड़ा
दार्शनिक अंदाज में उससे बोल पड़ा ‘कुछ दिन सब्र करो यार..सब नार्मल हो जाएगा ।’
वो तपाक से बोला...‘ये तो भक्त वाली बात है ।’ उसने इतनी तीव्रता से जवाब दिया कि
मानो उसने किसी से शर्त लगाई हो कि वो सबसे ज्यादा लोगो को ‘भक्त’ उपाधि प्रदान
करेगा..., अब मैं उससे भला क्या कहता....मैं हल्का सा मुस्कुराया और उसे ‘धन्यवाद !’
कहा..., इससे ज्यादा कुछ...न तो मैं उससे कहना चाहता था, और न वो इस योग्य कि वो
ज्यादा समझ सके ।
विशेष-
मैं अपना दूसरा लेख लेकर जल्द ही
हाजिर होऊंगा.., जिसमें मैं भक्त होना क्या होता हैं इस पर चर्चा करूँगा । आप
इंतजाररत रहे ।